Govt. Schemes | By Admin | May 20, 2025
रामलाल की आत्मनिर्भरता यात्रा – PMEGP योजना की संपूर्ण केस स्टडी
भूमिका (Background)
भीलवाड़ा, राजस्थान के एक छोटे से गांव में रहने वाले रामलाल जी, उम्र 28 वर्ष, कभी 8वीं तो कभी 10वीं पास जैसे बहसों का हिस्सा बनते रहे। पढ़ाई बीच में छूटी, लेकिन सपना कभी नहीं छूटा – खुद का व्यवसाय शुरू करने का। गांव के ही एक KVIC शिविर में उन्हें PMEGP (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम) के बारे में जानकारी मिली, और वहीं से उनकी आत्मनिर्भरता की यात्रा शुरू हुई।
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PMEGP योजना क्या है?
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) एक सरकारी योजना है जिसे KVIC (खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग) द्वारा संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार हेतु वित्तीय सहायता और सब्सिडी देना है।
निर्माण (Manufacturing) क्षेत्र:
अधिकतम परियोजना लागत: 50 लाख
सेवा (Service) क्षेत्र:
अधिकतम परियोजना लागत: 20 लाख
PMEGP के अंतर्गत नई इकाइयों (New Enterprises) के लिए पात्रता:
1. कोई भी व्यक्ति, जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है, आवेदन कर सकता है।
2. इस योजना के अंतर्गत प्रोजेक्ट लगाने के लिए कोई आय सीमा (Income Limit) नहीं है, यानी किसी भी आय वर्ग का व्यक्ति आवेदन कर सकता है।
3. यदि आप निर्माण (Manufacturing) क्षेत्र में ₹10 लाख से अधिक या सेवा (Service) क्षेत्र में ₹5 लाख से अधिक लागत का प्रोजेक्ट लगाना चाहते हैं, तो आपके पास कम से कम 8वीं कक्षा पास की शैक्षणिक योग्यता होनी चाहिए।
4. इस योजना के अंतर्गत केवल नई और व्यवहारिक (viable) परियोजनाओं को सहायता दी जाती है, यानी पहले से चल रही यूनिट को नहीं।
5. पहले से चल रही इकाइयाँ (Existing Units) और जिन्होंने पहले किसी भी सरकारी योजना (जैसे PMRY, REGP, PMEGP, CMEGP या केंद्र/राज्य सरकार की किसी अन्य योजना) से सब्सिडी प्राप्त की हो, वे पात्र नहीं हैं।
6. जिन परियोजनाओं में पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) नहीं है, यानी जिसमें टर्म लोन नहीं लिया गया है, वे पात्र नहीं होंगी।
7. भूमि (Land) की लागत को परियोजना लागत में शामिल नहीं किया जा सकता।
8. सभी कार्यान्वयन एजेंसियाँ – जैसे कि KVIC, KVIB, जिला उद्योग केंद्र (DIC), और Coir Board – ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की परियोजनाओं की प्रक्रिया कर सकती हैं।
9. आवेदक के पास मान्य आधार नंबर (Aadhaar Number) होना अनिवार्य है।
10. आवेदक को यह सहमति देनी होगी कि उसकी आधार से संबंधित जानकारी (जैसे नाम, लिंग, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर) की UIDAI के सर्वर से पुष्टि (authentication) की जा सके।
ऑनलाइन आवेदन के लिए आवश्यक स्कैन किए गए दस्तावेज़ (1 एमबी तक) – :
1. पासपोर्ट साइज फोटो
2. सबसे उच्च शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र
3. परियोजना रिपोर्ट सारांश / विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR)
4. सामाजिक / विशेष श्रेणी का प्रमाण पत्र, यदि लागू हो (जैसे – SC/ST/OBC/महिला/दिव्यांग आदि)
5. ग्रामीण क्षेत्र का प्रमाण पत्र, यदि लागू हो
सब्सिडी किसे और कितनी मिलती है?
PMEGP योजना के तहत, आपको आपके जातिगत वर्ग और स्थान (गांव या शहर) के आधार पर सब्सिडी दी जाती है।
यदि आप SC/ST/OBC/महिला/अल्पसंख्यक वर्ग से हैं और गांव में रहते हैं, तो आपको 35% तक की सब्सिडी मिलेगी।
यदि आप SC/ST/OBC/महिला/अल्पसंख्यक हैं और शहर में रहते हैं, तो आपको 25% सब्सिडी मिलेगी।
वहीं अगर आप सामान्य वर्ग (General category) से हैं और गांव में रहते हैं, तो आपको 25% सब्सिडी दी जाएगी।
शहरी क्षेत्र में सामान्य वर्ग को 15% सब्सिडी का लाभ मिलता है।
Margin money /Own Cost (स्वयं का अंशदान) क्या है?
जब कोई व्यक्ति PMEGP योजना के तहत लोन लेता है, तो उसे पूरे प्रोजेक्ट की लागत में से एक छोटा हिस्सा खुद अपनी जेब से लगाना होता है, इसी को "Own Cost" कहते हैं।
अगर आप SC, ST, OBC, महिला, दिव्यांग, पूर्व सैनिक या किसी विशेष श्रेणी से हैं, तो आपको प्रोजेक्ट लागत का केवल 5% ही लगाना होता है।
अगर आप सामान्य (General) वर्ग से हैं, तो आपको 10% राशि लगानी होती है।
उदाहरण के लिए: अगर कोई प्रोजेक्ट 5 लाख रुपये का है और आप OBC हैं, तो आपको सिर्फ 25,000 रुपये ही स्वयं लगाने होंगे।
पूरा उदाहरण – रामलाल केस स्टडी से समझें:
मान लीजिए रामलाल ने ₹5 लाख का चाय वेंडिंग प्रोजेक्ट लगाया:
रामलाल की प्रोफाइल:
वर्ग: OBC
क्षेत्र: ग्रामीण
शिक्षा: 10वीं पास
प्रोजेक्ट लागत: ₹5,00,000
अब इसमें हिस्सा ऐसे बंटेगा:
Margin money/ Own Cost (5%) = ₹25,000 – रामलाल ने खुद लगाए।
Back End Subsidy (35%) = ₹1,75,000 – सरकार ने बैंक को दी (3 साल लॉक)
Back-End Subsidy का नियम:
सब्सिडी सीधे बैंक के पास जाती है, आवेदक को हाथ में नहीं मिलती।
यह राशि 3 साल तक लॉक रहती है। यदि यूनिट बंद होती है, तो सब्सिडी वापस करनी होती है।
3 साल तक व्यवसाय का संचालन अनिवार्य है।
Bank Loan Risk After Subsidy = ₹3,00,000
इस तरह रामलाल ने केवल ₹25,000 लगाकर ₹5 लाख का व्यवसाय शुरू किया।
PMEGP में Collateral Free Loan और संबंधित शर्तें:
1. कितना Collateral-Free Loan मिलता है?
सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार:
> ₹10 लाख तक का लोन (Working Capital Term Loan) बिना किसी Collateral (गिरवी) के मिलता है।
यह सुविधा CGTMSE (Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises) के तहत उपलब्ध कराई जाती है।
2. ₹10 लाख से ऊपर का लोन लेना हो तो?
यदि आप ₹10 लाख से अधिक की परियोजना लागत (Loan) पर आवेदन करते हैं (उदाहरण: ₹15 लाख, ₹25 लाख, ₹50 लाख):
तो बैंक आपसे Collateral/Security की मांग कर सकता है।
यह पूरी तरह बैंक के विवेक पर निर्भर करता है।
CGTMSE योजना क्या है और कैसे मदद करती है?
CGTMSE एक सरकारी ट्रस्ट है जो बैंक को लोन के डिफॉल्ट रिस्क से सुरक्षा देता है।
इसमें उद्यमी को कोई संपत्ति गिरवी नहीं रखनी पड़ती, लेकिन बैंक को एक नॉमिनल गारंटी फीस (1% के आस-पास) देनी पड़ती है।
ये गारंटी बैंक और CGTMSE के बीच की प्रक्रिया होती है – ग्राहक को इसमें शामिल नहीं किया जाता, लेकिन उसका लाभ मिलता है।
PMEGP के नियम: रामलाल की कहानी के माध्यम से समझें
1. पात्रता के नियम:
आयु: न्यूनतम 18 वर्ष
कोई अन्य सरकारी सब्सिडी न ली हो।
2. सब्सिडी कितनी मिलती है?
1. सामान्य श्रेणी (General Category):
गांव/ग्रामीण क्षेत्र में: लागत का 25% तक
शहर/शहरी क्षेत्र में: लागत का 15% तक
2. आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC/महिला/दिव्यांग/पूर्वोत्तर क्षेत्र आदि):
गांव/ग्रामीण क्षेत्र में: लागत का 35% तक
शहर/शहरी क्षेत्र में: लागत का 25% तक
3. आवेदन प्रक्रिया:
वेबसाइट: https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/pmegphome/index.jsp
आवश्यक दस्तावेज़:
आधार कार्ड, फोटो, जाति प्रमाण पत्र
बैंक पासबुक
प्रोजेक्ट रिपोर्ट
शैक्षणिक प्रमाण पत्र
4. चयन प्रक्रिया:
DLTFC (District Level Task Force Committee) द्वारा इंटरव्यू
व्यवहारिकता और योग्यता के आधार पर स्वीकृति
5. EDP ट्रेनिंग (Entrepreneurship Development Programme):
चयन के बाद 10 दिन की अनिवार्य ट्रेनिंग
GST, मार्केटिंग, डिजिटल पेमेंट, व्यापार पंजीकरण आदि सिखाया गया.
बिजनेस की उड़ान – ‘रामलाल टी स्टॉल’
रामलाल ने गांव में एक छोटा लेकिन साफ-सुथरा टी स्टॉल खोला – वेंडिंग मशीन, QR कोड से पेमेंट, साथ में मठरी और बिस्कुट। लोगों को उनके हाथ की चाय खूब पसंद आई।
कुछ ही महीनों में वो ₹2000-2500 रोज़ की कमाई करने लगे। उन्होंने दो और युवकों को काम पर रख लिया। अब रामलाल सिर्फ चाय नहीं बेचते – वो उम्मीद बेचते हैं।
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PMEGP के जरूरी सबक इस कहानी से
1. केवल नया बिजनेस चलेगा, पुराना नहीं
2. कम पढ़े-लिखे भी कर सकते हैं, 8वीं पास भी चलेगा
3. लोन पर 15-35% तक सब्सिडी, लौटानी नहीं होती
4. ट्रेनिंग जरूरी है, तभी फंड मिलेगा
5. ₹10 लाख तक लोन पर कोई गारंटी नहीं लगती
6. बैंक, KVIC और ट्रेनिंग संस्थान – तीनों की भूमिका होती है
7. 3 साल तक बिजनेस चलाने पर ही सब्सिडी माफ होती है
नतीजा – योजना वही सफल है, जिसे समझ कर अपनाया जाए
PMEGP कोई कागजी योजना नहीं, ये असल में ग्रामीण युवाओं के सपनों का पुल है। रामलाल जैसे हजारों लोग अगर इसे समझें और सही दिशा में मेहनत करें, तो आत्मनिर्भरता कोई सपना नहीं – हकीकत