Information English | By Admin | Jul 01, 2025
Zerodha की कहानी: एक आम परिवार से भारत के सबसे बड़े ब्रोकरेज तक
शुरुआत – बंगलोर के एक साधारण परिवार से
नितिन कामत का जन्म कर्नाटक के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता Canara Bank में काम करते थे और माता एक गृहिणी थीं। पैसे की तंगी थी लेकिन सपनों की कोई कमी नहीं।
नितिन को कम उम्र से ही शेयर मार्केट में दिलचस्पी थी। 17 साल की उम्र में उन्होंने ट्रेडिंग शुरू कर दी।
लेकिन ये शुरुआत आसान नहीं थी।
पास में पैसा नहीं था।
मार्केट का अनुभव नहीं था।
ना कोई गाइड था, ना कोई कोर्स।
उसी दौरान उन्होंने कॉल सेंटर में नाइट शिफ्ट में काम किया, ताकि दिन में ट्रेडिंग सीख सकें।
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पहली असफलता – सब कुछ खो दिया
19-20 साल की उम्र तक उन्होंने ट्रेडिंग से अच्छा पैसा बना लिया था।
लेकिन एक दिन एक गलती में पूरा पैसा गंवा बैठे।
लाखों का नुकसान
परिवार का भरोसा डगमगा गया
मन में खुद से शर्म महसूस होने लगी
पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
फिर से उठे, फिर से सीखा, और इस बार और समझदारी से काम लिया।
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Zerodha का जन्म – 2010 में एक सपना
2010 में जब नितिन ने Zerodha (Zero Rodha = No Obstruction) की शुरुआत की, तो उनका मकसद था:
> "ट्रेडिंग को आम आदमी के लिए सरल और सस्ता बनाना।"
तब मार्केट में बड़े-बड़े ब्रोकर्स थे – जो हर ट्रेड पर मोटा कमीशन लेते थे।
नितिन ने एक क्रांतिकारी फैसला लिया:
"Zero Brokerage" – यानी कोई ट्रेडिंग चार्ज नहीं!
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Struggles की झलक:
कोई फंडिंग नहीं मिली – Angel या VC कोई भरोसा नहीं कर रहा था।
मार्केट में विश्वास की कमी – लोग सोचते थे ये धोखा है।
टीम बहुत छोटी थी – शुरू में कुछ ही लोग थे।
टेक्नोलॉजी खुद बनानी पड़ी – कोई बड़ी IT टीम नहीं थी।
उन्होंने अपनी वेबसाइट, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म – सब कुछ खुद बिल्ड किया।
सालों तक मेहनत की, धीरे-धीरे लोग जुड़ने लगे।
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निखिल कामत की एंट्री – और रफ्तार
नितिन के छोटे भाई निखिल कामत, जो सिर्फ 9वीं कक्षा तक पढ़े थे, बहुत तेज़ ट्रेडर निकले।
निखिल ने Zerodha के ट्रेडिंग सेक्शन को संभाला और लोगों को डेटा-ड्रिवन ट्रेडिंग सिखाई।
निखिल का बैकग्राउंड भी संघर्ष भरा था –
17 साल की उम्र में कॉल सेंटर में ₹8000/month की नौकरी
पढ़ाई में कमजोर, लेकिन जिंदगी के गणित में तेज
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आज Zerodha कहाँ है?
India’s No. 1 Broker
10M Active Clients
बिना कोई बाहरी निवेश के – 100% बूटस्ट्रैप्ड
Zerodha Varsity जैसी फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म चलाते हैं
सालाना प्रॉफिट – ₹2500 करोड़ से भी ज्यादा
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सबसे बड़ी सीख Zerodha से क्या मिलती है?
1. डिग्री से नहीं, दृढ़ निश्चय से इतिहास बनता है।
2. Zero से शुरू करके भी यूनिकॉर्न बना जा सकता है।
3. Excuse नहीं, Execution मायने रखता है।
4. Time नहीं मिलता, Time बनाना पड़ता है।
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अगर आप Navodayan हो, और एक सपना लिए चल रहे हो –
तो Zerodha की कहानी बताती है:
बिना बहाने, बिना डर, सिर्फ एक आग के साथ आगे बढ़ो –
क्योंकि तुम्हारे पास भी वही 24 घंटे हैं।