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आम आदमी को बड़ी राहत: दिवाली से पहले जीएसटी काउंसिल के ऐतिहासिक फैसले

आम आदमी को बड़ी राहत: दिवाली से पहले जीएसटी काउंसिल के ऐतिहासिक फैसले

Current Affairs | By Admin | Sep 04, 2025


नई दिल्ली।

दिवाली से पहले आम जनता, किसानों, छोटे व्यापारियों और श्रमिक वर्ग के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। बुधवार को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऐसे फैसले लिए गए हैं, जिनसे न सिर्फ़ रोज़मर्रा की ज़िंदगी आसान होगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा सहारा मिलेगा।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले से "नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी सुधारों" की बात की थी। अब उन्हीं वादों को ज़मीन पर उतारते हुए जीएसटी काउंसिल ने कई अहम रियायतें दी हैं। आइए इन्हें आसान भाषा में समझते हैं—

 

 

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1. बीमा पर जीएसटी पूरी तरह खत्म

 

👉 अब किसी भी तरह की जीवन बीमा पॉलिसी (टर्म लाइफ, एंडॉवमेंट, ULIP आदि) या स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी (फैमिली फ्लोटर, सीनियर सिटीजन आदि) पर जीएसटी नहीं लगेगा।

➡ इसका मतलब: अब बीमा पॉलिसी लेना सस्ता होगा और ज़्यादा लोग सुरक्षा कवच से जुड़ पाएंगे।

 

 

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2. रोज़मर्रा की चीज़ें बेहद सस्ती

 

👉 पहले 12% या 18% जीएसटी वाली चीज़ों पर अब सिर्फ़ 5% जीएसटी लगेगा।

➡ इसमें शामिल हैं: हेयर ऑयल, साबुन, शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, रसोई के बर्तन और घर के अन्य सामान।

 

👉 दूध (UHT), पनीर (चैना), और सभी भारतीय ब्रेड (चपाती, पराठा, परोट्टा आदि) पर जीएसटी अब NIL (शून्य) कर दिया गया है।

 

👉 पैकेज्ड नमकीन, भुजिया, पास्ता, नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, मक्खन, घी आदि अब सिर्फ़ 5% जीएसटी में मिलेंगे।

 

 

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3. किसान और कृषि क्षेत्र के लिए तोहफ़ा

 

👉 ट्रैक्टर, कृषि मशीनरी, घास काटने की मशीन, खाद बनाने की मशीन आदि पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

 

👉 उर्वरक सेक्टर में भी सुधार: सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

 

➡ इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा और कृषि लागत कम होगी।

 

 

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4. स्वास्थ्य सेवाओं पर राहत

 

👉 33 जीवनरक्षक दवाइयों पर जीएसटी 12% से शून्य (NIL) कर दिया गया।

👉 कैंसर और रेयर डिजीज की 3 अहम दवाओं पर भी जीएसटी 5% से शून्य (NIL) किया गया।

👉 सभी अन्य दवाओं और मेडिकल उपकरणों (जैसे ग्लूकोमीटर, बैंडेज, डायग्नोस्टिक किट) पर अब सिर्फ़ 5% जीएसटी लगेगा।

 

➡ इलाज का खर्च अब कम होगा और ज़्यादा लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ होंगी।

 

 

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5. गाड़ियों और ऑटो सेक्टर को राहत

 

👉 छोटे कार और 350CC तक की मोटरसाइकिलों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18%।

👉 टीवी (32 इंच तक), एसी, डिशवॉशर, बस, ट्रक और एम्बुलेंस – सभी पर जीएसटी अब 18%।

👉 तीन पहिया वाहन और सभी ऑटो पार्ट्स पर भी अब 18% का समान टैक्स होगा।

 

 

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6. श्रमिक और लघु उद्योगों को बढ़ावा

 

👉 हैंडीक्राफ्ट, मार्बल ब्लॉक्स, ग्रेनाइट ब्लॉक्स, लेदर गुड्स जैसी लेबर-इंटेंसिव चीज़ों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5%।

👉 सीमेंट पर जीएसटी अब 28% से 18%।

 

➡ इससे छोटे कारोबारियों, कारीगरों और MSME सेक्टर को सीधी राहत मिलेगी।

 

 

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7. टेक्सटाइल सेक्टर की पुरानी समस्या का समाधान

 

👉 मैनमेड फाइबर पर जीएसटी 18% से 5%

👉 मैनमेड यार्न पर जीएसटी 12% से 5%

 

➡ अब कपड़ा उद्योग में "इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर" की समस्या खत्म होगी और वस्त्र उद्योग को ताकत मिलेगी।

 

 

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8. जीएसटी का नया स्ट्रक्चर: "सिंपल टैक्स"

 

👉 अब 4-टियर सिस्टम की जगह दो दरें होंगी:

 

Merit Rate: 5% (आम आदमी की ज़रूरत की चीज़ें)

 

Standard Rate: 18% (अधिकतर सामान और सेवाएँ)

 

कुछ खास चीज़ों पर De-Merit Rate: 40% (जैसे लग्जरी गुड्स, सिगरेट आदि)

 

 

➡ इससे टैक्स सिस्टम ज़्यादा सरल और पारदर्शी होगा।

 

 

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9. जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल का गठन

 

👉 सितंबर के अंत तक अपीलें दर्ज होंगी और दिसंबर 2025 तक सुनवाई शुरू हो जाएगी।

➡ छोटे व्यापारी और कारोबारी अब अपनी समस्याओं का तेज़ी से निपटारा करा पाएंगे।

 

 

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प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा –

"ये सुधार हर नागरिक का जीवन आसान करेंगे, खासकर किसान, एमएसएमई, मध्यम वर्ग, महिलाएँ और युवा। जीएसटी अब वास्तव में ‘जनता का टैक्स, जनता के लिए टैक्स’ बन गया है।"

 

 

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निष्कर्ष

 

जीएसटी काउंसिल के ये फैसले केवल टैक्स रेट घटाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह आम आदमी की ज़िंदगी को आसान बनाने और देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। बीमा और दवाइयों से लेकर रसोई के सामान, गाड़ियों, किसानों और छोटे व्यापारियों तक – हर वर्ग को इस सुधार का सीधा लाभ मिलेगा।